मौजूदा दौर में कोलाहल भी जीना हमारी व्यवस्था हो गई है आज एकांत के दो पल किसी जगह पर तलाश लेना बहुत मुश्किल हो गया है
मंगलवार, 29 अगस्त 2017
पूजा की धुन
दुनिया के लगभग सभी धर्मों में पूजा अर्चना से पूर्व घंटे बजाने की परंपरा है इसका उद्देश्य भक्तों को यह बताना है कि पूजा अर्चना का समय हो गया है और वह देवालय तक आने की शीघ्रता करें मंदिरों से यह घंटे भक्तों द्वारा दान भी दिए जाते हैं घंटा मंदिरों की शोभा है इनका आकार कोई भी हो सकता है बहुत से मंदिरों में आदम कद घंटे लगाए गए हैं जिन्हें कई लोग मिलकर बजाते हैं हिंदू मंदिरों में घंटा सहज ही देखा जा सकता है बौद्ध मंदिरों मैं पूजा अर्चना घंटों की पवित्र ध्वनि के साथ होती है गिरजाघरों में भी घंटे बजाए जाते हैं ।
-अजामिल
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