यह परिंदे मैं नई दिल्ली से गुनगुन के लिए खरीद कर लाया था मेट्रो स्टेशन पर एक बुजुर्ग इन्हें जमीन पर सजा कर बेच रहे थे देखने में यह परिंदे असली जैसे लगे बेहद खूबसूरत भारतीय बाजार के लिए इन परिंदों को चाइना ने बनाया है और इसकी कीमत रखी है सिर्फ ₹25 प्रति परिंदा पर्यावरण के रक्षक इन परिंदों को अगर समय रहते बचाया नहीं गया तो आने वाले दिनों में हम बच्चों को प्लास्टिक के परिंदे ही दिखाने को विवश हो जाएंगे पर्यावरण को बचाइए अगर जिंदगी को बचाना है तो प्रकृति के इस खजाने पर हमारे बच्चों का भी अधिकार है ।
आलेख एवं चित्र अजामिल
रविवार, 12 मार्च 2017
परिंदे प्लास्टिक युग के
शनिवार, 11 मार्च 2017
सीढ़ियां
सीढ़ियां कम हो या ज्यादा सीढ़ियों का खूबसूरत डिजाइन सम्मोहित करता ही है अभिनेता को मंच की ओर ले जाने वाली यह सीढ़ियां कुछ अलग सी प्रतीत हुई
धिरे आए बदरा
मेरी यह एक पुरानी तस्वीर facebook ने मुझे फिर से दिखाई मजा आ गया जिस मोबाइल फोन से मैंने यह तस्वीर क्लिक की थी अब उस मोबाइल फोन का निधन हो चुका है अपनी यह तस्वीर मुझे बहुत पसंद है
शुक्रवार, 3 मार्च 2017
सार्वजनिक रामलीला नैनी के कुछ दृश्य
2016 में सार्वजनिक रामलीला ने पहली बार ध्वनि एवं प्रकाश के माध्यम से रामलीला का प्रदर्शन किया इसके सफल प्रदर्शन को 10 दिन तक लगातार 8 से 10 हजार लोगों ने प्रतिदिन देखा और सराहा इस रामलीला में लगभग 100 कलाकारों ने मंच और मंच से परे रहकर काम किया इससे रामलीला में राम की भूमिका वरिष्ठ रंगकर्मी कौशिक गौतम और सीता की भूमिका वरिष्ठ रंगकर्मी निकिता गौतम ने निभाई इस रामलीला का निर्देशन वरिष्ठ रंगकर्मी अजामिल ने किया यहां उसी रामलीला के कुछ दृश्य प्रस्तुत हैं जिसका छायांकन किया है अजामिल ने
गुरुवार, 2 मार्च 2017
लोकरंग छायांकन कुछ तस्वीरें अविस्मरणीय
लोकरंग में डूबी इस प्रस्तुति मैं अच्छे प्रकाशन संचालन के कारण तस्वीरें क्लिक करने का अनेक अवसर था मैंने कुछ तस्वीरें क्लिक की है जिन्हें आपके साथ शेयर कर रहा हूं
लोक कलाकारों का अभिनंदन
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में चल रहे नाट्य उत्सव मैं मध्य प्रदेश से आए लोक कलाकारों को सम्मानित करने का गौरवपूर्ण अवश्य मुझे उनकी प्रस्तुति देखने के बाद मिला इन लोक कलाकारों से मिलकर बेहद प्रसन्नता हुई यह मुझे अपने अंतर्मन से भी बेहद निश्चल लगे और इनकी प्रस्तुति तो लाजवाब थी ही प्रेक्षागृह में दर्शकों ने मंत्रमुग्ध कर इनकी प्रस्तुति को देखा इस अवसर पर वरिष्ठ रंग निदेशक डॉक्टर अनुपम आनंद ने कहा की आने वाला वक्त इन्हीं लोक कलाकारों का है और इन्हें अपनी जड़ों से कोई हटा नहीं सकता ।
सभी चित्रों के छायाकार वरिष्ठ पत्रकार वरिष्ठ फोटोग्राफर विकास चौहान रिपोर्ट अजामिल
नाट्य छायांकन की कला
इलाहाबाद के वरिष्ठ छायाकार विकास चौहान पिछले 2 वर्षों से विशेष रुप से रंगमंच पर होने वाले नाटकों की तस्वीरें उतार रहे हैं उनका कहना है कि रंगमंच पर चरित्रों की वेशभूषा और आता-जाता प्रकाश अपना जादुई प्रभाव डालता है किसी भी छायाकार के लिए रंग बिरंगे प्रकाश का आकर्षण हमेशा रहा है विकास बेहद मामूली कैमरे से फोटोग्राफी करते हैं और उनका मानना है कि फोटोग्राफी कैमरा नहीं करता बल्कि छायाकार का विजन किसी भी तस्वीर को आकार देती है रंगमंच की तस्वीरों को लेकर विकास पूरी तरह से सतर्क रहते हैं उनका कहना है कि निर्देशक जो कंपोजीशन बनाता है उस कंपोजीशन को तस्वीरों में बनाए रखना रंगमंच की फोटोग्राफी की पहली शर्त है विकास चौहान को रंगमच की फोटोग्राफी बहुत पसंद है इलाहाबाद में वह लगभग सभी अच्छे नाटक देखते हैं नाटक को समझते हैं और नाटक में डूबकर नाटक की फोटोग्राफी करते हैं उनके अनुसार नाटक की फोटोग्राफी महत्वपूर्ण नहीं है नाटक का संपूर्णता में मूड व्यक्त होना चाहिए और अगर ऐसा नहीं होता है तो वह अच्छी फोटोग्राफी नहीं है विकास चौहान कोलकाता के रंगमंच के वरिष्ठ छायाकार निवाई घोष को अपना उस्ताद बनते हैं यहां उनके द्वारा उतारी गई नाटकों की कुछ तस्वीरें मैं शेयर कर रहा हूं ।
ब्लॉग न्यू थिएटर् मैं कला समीक्षक अजामिल की टिप्पणी